औलाद होने की दुआ
औलाद होने की दुआ, मेरे रब के खजाने में किसी भी चीज की कोई कमी नहीं है। अल्लाह रब्बुल इज्जत हमें हर तरह की नेमतें अता फरमाते है। उन नेमतों के लिए हम अपने रब का जितना भी शुक्रिया अदा करें उतना कम है।उसी तरह औलाद भी अल्लाह रब्बुल इज्जत की दी हुई नेमतों में से एक है।
औलाद मियां बीवी के रिश्ते को और मजबूत बनाता है उनके रिश्तो में मोहब्बत पैदा करता है। शादी के बाद औलाद एक ऐसी कड़ी होती है जो मियां बीवी के रिश्ते को आपस में जोड़ती है।कभी-कभी ऐसा होता है कि किसी किसीको यह खुशी नहीं मिल पाती है। आप तरह-तरह की दवाओं का भी इस्तेमाल कर चुके हैं और मायूसी के सिवा आपके हाथ कुछ नहीं आता।
लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि अल्लाह रब्बुल इज्जत अपने बंदों का दामन कभी खाली नहीं रखता।हम आपको बेहतर दुआ का अमल बताएंगे।जिसको आजमा कर आप औलाद की खुशी पा सकेंगे इंशाल्लाह।
- अच्छी नियत और रब के यकीन को कायम करके इस दुआ के अमल को करें।जो भी शख्स औलाद की खुशी से महरूम हो वह इस अमल को पूरे अकेदे के साथ करें।अव्वल और आखिर 11/11 बार दरूदे पाक पढ़े।उसके बाद रोजाना किसी भी टाइम में 101 बार सूरह कौसर पारा नंबर 30 में मौजूद है पढ़ते रहना है। إذاأقطليتكآلگورتصللكارةإناأعطيناكالكوثر. إنشانئكهوالأبتر इंशा अल्लाह अल्लाह की रहमत से नेक शालेहात औलाद पैदा होगी।इस अमल के साथ ही साथ आपको पांच वक्त की नमाज को भी कायम रखना है। क्योंकि कोई भी दुआ या अमल करते वक्त पांच वक्त की नमाज अदा करना जरूरी है।